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लिखना है

धड़कते  दिलों  की  रवानी लिखना है,
किस्सा-ए-नज़रें  झुकानी  लिखना  है।

मैंने  उनके  पहलू  में  बिताई थी कभी, 
मुझे  वो  कुछ  रातें सुहानी लिखना है।

बहुत सुन ली वो  माज़ी की कहानियां,
उल्फ़त  की  नई  कहानी  लिखना  है।

उसके  होठों  की  तबस्सुम  की   बातें,
ज़ुल्फ़ों  से  टपकता  पानी  लिखना है।

दिल  शाद  करना  है  पुराने  लम्हों  से,
वो  तेरी  मेरी  बातें  पुरानी  लिखना है।

रेत पर नाम बहुत लिख लिया "निक्क",
आज  मुझे  पानी  पे  पानी  लिखना है।

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8 Comments

Shrishti pandey

14-Jul-2022 04:35 PM

Nice

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Punam verma

14-Jul-2022 04:27 PM

Nice

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Seema Priyadarshini sahay

14-Jul-2022 04:25 PM

बहुत खूबसूरत

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